उस दिन तुम्हारी मौसी ने जब मुझसे उस इंसान के बारे में पूछा था, जिससे मैं मोहब्बत करता हूं तो बचपन और प्यार की भावनाओं में बहकर उन्हें तुम्हारा नाम छोड़कर सब कुछ बता दिया था। बहुत हंसी थी तुम्हारी मौसी उस दिन... और तुम वहीं सामने बैठकर ऐसा व्यवहार कर रही थी जैसे बिलकुल अनजान हो तुम... जब कमरे से निकलकर पर्दे के पीछे तुमसे नजरें मिली तो बस तुमने इतना ही कहा कि तुमसे जब कोई तुम्हारे प्यार के बारे में पूछता है तो तुम उसे मेरे बारे में क्यों बताते हो? कोई जवाब नहीं दे पाया था मैं तुम्हारी इस बात का, और देता भी कैसे? मेरे पास इस बात का कोई जवाब था ही नहीं....
पता नहीं उसदिन कैसा लगा होगा तुम्हें जब तुम्हारी उन्हीं मौसी के लड़के ने तुमसे कहा, 'दीदी, एक गौरव भइया हैं, उनकी कोई क्वीन है, बहुत प्यार करते हैं। देखो ना, कितना प्यारा लिखते हैं लेकिन लगता है उनकी क्वीन को उनकी परवाह ही नहीं।' तुम्हारी दोस्त ने बताया कि तुम बिना कुछ बोले चुपचाप वहां से चली गई थी। आखिर कहती भी क्या? अपने भाई को क्या बताती कि 9 साल पहले क्या हुआ था?
हजारों लोग पढ़ते हैं तुम्हें... मेसेज करते हैं मुझे और पूछते हैं तुम्हारे बारे में... लेकिन पता है, मैं बस यही सोचता रहता हूं कि तुम मुझे पढ़ती होगी या नहीं... तुम कभी मेरी टाइमलाइन पर आकर उन बीते लम्हों में खुद को फिर से खोजने की कोशिश करती होगी या नहीं... तुम अपने नए 'दोस्त' के साथ क्या कभी उन पलों को आज से बेहतर पाती होगी? बस इन्हीं सवालों के साथ कीबोर्ड पर उंगलियां चलाता रहता हूं... सवालों के जवाब पाने की उम्मीद में....
#क्वीन
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