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Sunday, June 26, 2016

पहली छुअन का अहसास

याद है ना तुमको...उस दिन तुम मेरे साथ अपने एडमिशन की बात करने के लिए कॉलेज गई थी... बहुत मुश्किल होता था तुम्हारा घर से बाहर निकलना... पहली बार हम एक साथ कहीं बाहर निकले थे...नहीं तो घर और कॉलेज के सिवा कहीं देखना भी नहीं हो पाता था। तुम्हारे घर वाले बहुत विश्वास करते थे मुझ पर... छात्र राजनीति से जुड़े रहने के कारण हमें लाइन में नहीं लगना पड़ा और 10 मिनट में सारी जानकारियां लेकर हम कॉलेज से बाहर निकल आए..

इस शानदार मौके को हम दोनों में से कोई गवांना नहीं चाहता था... मैंने तुमसे कहा कि चलो मूवी देखने चलते हैं लेकिन तुम... आखिर तुम तो तुम ही थी ना...तुमने कहा कि नहीं आज पहली बार साथ में बाहर निकले हैं तो मंदिर चलेंगे... 

वहां से 35 किलोमीटर दूर के एक मंदिर में जाने का हमने प्लान बनाया... मां भगवती ने दर्शन तो दे दिए लेकिन वहां से वापस आने के बाद जो बारिश शुरू हुई थी, उसको बयां करना नामुमकिन है... आंखें नहीं खुल रही थीं... बाइक पर जब उस दिन तुम मेरे साथ बैठी थी और तुम्हारे हाथों ने मेरे कंधे को डरकर दबाया था, तुम्हारे उस डर ने मुझे पहली छुअन का अहसास दिलाया था... 2 घंटे तक हम बारिश में भीगते रहे लेकिन बारिश रुकने के बाद सिर्फ 10 मिनट में जिस तरह से हमारे कपड़े पूरी तरह से सूख गए थे वह सच में अकल्पनीय था...
लेकिन यही तो ईश्वर की क्षमता है...
‪#‎क्वीन‬

हमारी पहली चैटिंग

उस दिन पहली बार चैट कर रहे थे हम। अब की तरह ही मैं हिंदी में लिख रहा था और तुम अंग्रेजी में...उस दिन तुमने कहा था, 'गौरव, तुम तो इंग्लिश मीडियम से हो फिर भी हिंदी में मेसेज करते हो, इंग्लिश में मेसेज करो...मुझे ज्यादा अच्छे से समझ में आएगा।' और फिर मैंने क्या कहा था याद है तुम्हें, ' दुनिया की कोई भी महिला बहुत सुंदर हो सकती है। यहाँ तक कि वह एमा स्टोन,चार्लीज़ थेरॉन, ओलिविया वाइल्ड,कैटरीना या माधुरी से भी ज्यादा खूबसूरत हो सकती है लेकिन वह मेरी मां से सुंदर नहीं हो सकती... और उसी तरह हिंदी भी है... मां है मेरी...उससे बेहतर और सुविधाजनक कुछ भी नहीं हो सकता।'

आज भी वह मेसेज सेव है। वैसे तुमको हिंदी ज्यादा नहीं आती थी तो उसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं थी। तुम जहाँ से आई थी वहां तो कोई हिंदी का क..ख..ग.. भी नहीं जानता था। और फिर वह दिन तो याद ही होगा तुम्हें जब मैं तुमसे किसी छोटी सी बात पर नाराज होकर बात नहीं कर रहा था...तुमने बहुत मासूमियत से भरा हुआ हिंदी में वह मेसेज किया था, 'गौरव, देखो अब तो हिंदी में भी लिखना सीख गई, प्लीज बात करो ना...'
सच में बिलकुल पागल थी तुम...और मुझे भी बना कर चली गई...
लेकिन एक सच और भी है...तुम भले ही मुझको न मिली हो लेकिन मोहब्बत की भाषा 'उर्दू' तो तुम्हारी वजह से ही सीख पाया...लिखना न सही पर सुनकर समझना तो सिखा ही दिया था तुम्हारी मोहब्बत ने....
#क्वीन