मेरी तमन्ना एक ऐसे सफर की थी जिसमें तुम्हारा साथ हो और इस तमन्ना का सबसे खूबसूरत हिस्सा यह था कि मैं मंजिल भी तुम्हें ही मानता था। लेकिन स्वप्नलोक की इस तमन्ना का यथार्थ से कोई लकेना देना नहीं होता... काश यह बात मैं पहले ही समझ पाता। तो क्या हुआ कि हमारी पूजा पद्धति अलग थी, मैं जानता हूं कि तुम बिलकुल मेरे जैसी थी। तुम्हें पता था कि कोई काफिर किसी मस्जिद में नहीं जा सकता तो फिर तुम ही मेरे साथ मंदिर चली जाया करती थी....
तुम्हारे लिए मैं पूरी दुनिया से लड़ सकता था, लेकिन फिर भी तुम्हें 'आज़ाद' करना पड़ा.... काश! तुम मोहब्बत की इंतहा को समझ पाती….काश! तुम कभी समझ पाती कि मोहब्बत इतनी आगे बढ़ चुकी है कि वह मेरी आराधना बन गई है.. काश! तुम कभी समझ पाती कि जिससे प्रेम हो जाता है उसे अपनी सांसों तक में भी महसूस किया जाने लगता है... लेकिन फिर सोचता हूं कि आजादी तो हर एक का अधिकार है... बस उसी 'अधिकार' के लिए खुद को, खुद की कैद से आज़ाद कर दिया...
'क्वीन' कौन है? इस सवाल का जवाब तो मैं भी खोज रहा हूं। मैं तो बस इतना जानता हूं कि यह सामान्य को विशिष्ट बनाने का एक प्रयास है... कोई अलंकार नहीं... सिर्फ सच्ची भावनाएं... तुम थी तो सब कुछ था... तुम नहीं हो तो भी सब कुछ है....लेकिन तब वह 'सब कुछ' अच्छा लगता था लेकिन अब.... #क्वीन
सबसे ज्यादा पढ़ी गईं पोस्ट
-
याद है ना तुमको...उस दिन तुम मेरे साथ अपने एडमिशन की बात करने के लिए कॉलेज गई थी... बहुत मुश्किल होता था तुम्हारा घर से बाहर निकलना... पहली...
-
तुम्हें अंतिम बार जब देखा था तो बहुत खुश था, इसलिए नहीँ कि तुम बहुत खूबसूरत लग रही थी बल्कि इसलिए क्योंकि मैं उस जगह पर आखिरी शख्श था जो तुम...
-
लोग कहते हैं की मैं दोहरा जीवन जीता हूँ .गंभीर चिंतन के बाद मुझे भी अहसास हुआ की वास्तव में मैं दोहरा जीवन जीता हूँ ....समाज के बीच में सा...
-
उस दिन पहली बार चैट कर रहे थे हम। अब की तरह ही मैं हिंदी में लिख रहा था और तुम अंग्रेजी में...उस दिन तुमने कहा था, 'गौरव, तुम तो इंग्लिश...
-
हिंदी माध्यम से 8वीं तक की पढ़ाई के बाद लखनऊ में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू हुई। 10वीं के अंकों को देखकर बाबा को लगा कि अचानक अंग्रेजी म...