उस दिन पहली बार चैट कर रहे थे हम। अब की तरह ही मैं हिंदी में लिख रहा था और तुम अंग्रेजी में...उस दिन तुमने कहा था, 'गौरव, तुम तो इंग्लिश मीडियम से हो फिर भी हिंदी में मेसेज करते हो, इंग्लिश में मेसेज करो...मुझे ज्यादा अच्छे से समझ में आएगा।' और फिर मैंने क्या कहा था याद है तुम्हें, ' दुनिया की कोई भी महिला बहुत सुंदर हो सकती है। यहाँ तक कि वह एमा स्टोन,चार्लीज़ थेरॉन, ओलिविया वाइल्ड,कैटरीना या माधुरी से भी ज्यादा खूबसूरत हो सकती है लेकिन वह मेरी मां से सुंदर नहीं हो सकती... और उसी तरह हिंदी भी है... मां है मेरी...उससे बेहतर और सुविधाजनक कुछ भी नहीं हो सकता।'
आज भी वह मेसेज सेव है। वैसे तुमको हिंदी ज्यादा नहीं आती थी तो उसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं थी। तुम जहाँ से आई थी वहां तो कोई हिंदी का क..ख..ग.. भी नहीं जानता था। और फिर वह दिन तो याद ही होगा तुम्हें जब मैं तुमसे किसी छोटी सी बात पर नाराज होकर बात नहीं कर रहा था...तुमने बहुत मासूमियत से भरा हुआ हिंदी में वह मेसेज किया था, 'गौरव, देखो अब तो हिंदी में भी लिखना सीख गई, प्लीज बात करो ना...'
सच में बिलकुल पागल थी तुम...और मुझे भी बना कर चली गई...
लेकिन एक सच और भी है...तुम भले ही मुझको न मिली हो लेकिन मोहब्बत की भाषा 'उर्दू' तो तुम्हारी वजह से ही सीख पाया...लिखना न सही पर सुनकर समझना तो सिखा ही दिया था तुम्हारी मोहब्बत ने....
#क्वीन
सच में भाई कभी कभी किसी की बाते तब ignore कर देते है पर बाद में बहुत ययाद आती है...
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