बेहद खूबसूरत दिख रही थी तुम अपनी उस तस्वीर में... साड़ी में पहली बार देखा था तुम्हें... बस यही सोचने लगा था कि यह शख्स मेरे किचन में कैसा लगेगा... बहुत अच्छी लगती तुम वहां लेकिन इसके साथ एक और भी सच जुड़ा है... तुम्हें तो खाना बनाना आता ही नहीं है... तुम सिर्फ मैगी और चाय ही बना सकती हो... और इन दोनों चीजों का उपयोग मैं करता नहीं... फिर क्या करता...सच कहूं तो अगर तुम मेरे साथ होती और तुम्हें कुछ भी बनाना नहीं आता होता तो भी मैं तुम्हारे साथ रहता और तुमसे कभी नहीं कहता कि तुम कुछ बनाना सीखो...
आखिर खाना ही तो सब कुछ नहीं होता... खाना बनाने की कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था हो सकती थी... लेकिन तुम्हारा कोई विकल्प नहीं... तुम खुद में एकमात्र विकल्प थी...
#क्वीन
'क्वीन' कौन है? इस सवाल का जवाब तो मैं भी खोज रहा हूं। मैं तो बस इतना जानता हूं कि यह सामान्य को विशिष्ट बनाने का एक प्रयास है... कोई अलंकार नहीं... सिर्फ सच्ची भावनाएं... तुम थी तो सब कुछ था... तुम नहीं हो तो भी सब कुछ है....लेकिन तब वह 'सब कुछ' अच्छा लगता था लेकिन अब.... #क्वीन
सबसे ज्यादा पढ़ी गईं पोस्ट
-
याद है ना तुमको...उस दिन तुम मेरे साथ अपने एडमिशन की बात करने के लिए कॉलेज गई थी... बहुत मुश्किल होता था तुम्हारा घर से बाहर निकलना... पहली...
-
तुम्हें अंतिम बार जब देखा था तो बहुत खुश था, इसलिए नहीँ कि तुम बहुत खूबसूरत लग रही थी बल्कि इसलिए क्योंकि मैं उस जगह पर आखिरी शख्श था जो तुम...
-
लोग कहते हैं की मैं दोहरा जीवन जीता हूँ .गंभीर चिंतन के बाद मुझे भी अहसास हुआ की वास्तव में मैं दोहरा जीवन जीता हूँ ....समाज के बीच में सा...
-
उस दिन पहली बार चैट कर रहे थे हम। अब की तरह ही मैं हिंदी में लिख रहा था और तुम अंग्रेजी में...उस दिन तुमने कहा था, 'गौरव, तुम तो इंग्लिश...
-
हिंदी माध्यम से 8वीं तक की पढ़ाई के बाद लखनऊ में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू हुई। 10वीं के अंकों को देखकर बाबा को लगा कि अचानक अंग्रेजी म...