तुम्हारी आँखों में खुद को खोजने वाला एक पागल सा लड़का सिर्फ उसी एक लम्हे में तो तुमसे नजरें चुराता था। मेरी ज़िन्दगी के हर एक पन्ने पर मेरी माँ के बाद तुम्हारा नाम है, क्योंकि ना ही वो मेरा साथ निभा सकीं और ना ही तुम...
मैं तो पूजा और अजान के भेद को मिटाना चाहता था, मैं चाहता था कि नफरत के
इस माहौल में मोहब्बत के फूल खिलें लेकिन वो सब मुमकिन नहीं था... मेरे राम
के आगे मेरी कहाँ चलती... अच्छा ही हुआ! अगर तुम मिल गयी होती तो शायद
सिर्फ मैं तुम्हें जानता और आज मैं तुम्हारी पहचान बन रहा हूं...
#क्वीन
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