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Tuesday, July 19, 2016

मेरी दुआ

उस दिन तुम्हारी आंख में दर्द हो रहा था और तुम चुपचाप घर पर बिना किसी को कुछ बताए लेटी थी... मैंने तुमसे 50 बार कहा था कि बिना चश्मा लगाए लैपटॉप यूज मत किया करो लेकिन तुमको मेरी बातों से फर्क ही कहां पड़ता था... उस दिन मैं तुम्हें सुबह से कॉल कर रहा था लेकिन तुमने एक बार भी मेरा फोन नहीं उठाया... तुम मुझसे बहुत कुछ छिपा लेती थी... शायद इस लिए क्योंकि तुमको लगता था कि कहीं तुम्हारी परेशानियों से मैं भी न परेशान हो जाऊं या फिर शायद तुम मुझे अपनी परेशानियां बताना जरूरी ही नहीं समझती थी...
तुम्हारी उस 'सबसे अच्छी' फ्रेंड ने मुझे बताया कि तुम्हारे साथ क्या समस्या है। 200 से भी ज्यादा बार कॉल कर चुका था मैं उस दिन... बहुत गुस्सा भी आ रहा था... कुछ देर के बाद तुमने कॉल बैक किया और तुम्हारी आवाज सुनकर मेरा सारा गुस्सा गायब हो गया... मैं शांत था... मेरे कहने पर ही तुम अपनी उस फ्रेंड के साथ हॉस्पिटल गई वहां से वापस आकर हम उसी स्टेलर आईटी पार्क में मिले...खाना खाकर मैं तुम्हें पैदल तुम्हारे घर छोड़ने जा रहा था और तुम मुझसे अपनी बातें बताई जा रही थी...
5 मिनट के रास्ते को हमने 40 मिनट में तय किया... मुझे नहीं याद कि तुमने उस दिन क्या-क्या बोला लेकिन उन सारी बातों के दौरान तुम्हारे होंठों पर आने पर आने वाली मुस्कान हूबहू याद है...बस यही दुआ करता हूं कि तुम्हारी जिंदगी के हर एक पल में चेहरे की मुस्कुराहट वैसी ही बनी रहे...
‪#‎क्वीन‬

मेरा वादा...

कई लोग मुझसे कहते रहते हैं कि आखिर क्वीन है कौन... एक बार उसकी तस्वीर दिखा दीजिए... अब उनको कैसे बताऊं कि मेरे पास तो तुम्हारी कोई तस्वीर है ही नहीं... क्योंकि तुम्हारी तस्वीर की कोई जरूरत ही नहीं पड़ी... तस्वीर तो उसकी जरूरी होती है जिसकी याद आती हो और याद तो उसकी आती है जिसे भूला गया हो... तुम तो मेरे हर एक शब्द में, हर एक ख्याल में, हर एक सांस में बसती हो...तुम्हारी तस्वीर की क्या जरूरत है मुझे...
मुझे जब भी तुम्हारे साथ की जरूरत होती है तो बस आंखें बंद करता हूं और तुम्हें अपने पास पाता हूं... नहीं, अपने सपनों में नहीं... हकीकत में... तुम्हारे हाथ को आज भी उसी तरह से अपने हाथ में महसूस करता हूं जैसे कभी उस वीरान सड़क पर कुछ पलों के लिए महसूस किया था... मुझे उन पलों का एहसास तुम्हारी तस्वीर नहीं दिला सकती... उस एहसास को जीने के लिए तुम्हारा मेरे साथ होना बहुत जरूरी है...मुझे खुशी है कि मेरे श्रीराम मेरी इस इच्छा को हर बार पूरा कर देते हैं... जब भी मुझे तुम्हारी जरूरत होती है तुम्हें अपने पास पाता हूं... उन चंद पलों का एहसास मुझे हमेशा एक नई ऊर्जा से भर देता है...
तुम अपना कभी साथ न छोड़ने का वादा निभा रही हो... और मैं अपना वादा निभाऊंगा... हां वही वादा... तुम्हारी पहचान बनने का...
‪#‎क्वीन‬