लोग कहते हैं कि "मुश्किल वक्त" दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर होता है जो एक पल में आपके चाहने वालों के चेहरे से नकाब हटा देता है लेकिन तुम्हारे चेहरे से तो नकाब तब हटा जब मैं अपने मुश्किल दौर से बाहर निकल चुका था। मतलबी दुनिया में भी तुम मेरी बातों के मतलब को नहीं समझ पाई। तुम समझने की कोशिश करती भी कैसे आखिर तुम्हारी अपनी जिंदगी थी, तुम्हारे अपने सपने थे... तुम अपने सपनों को तोड़कर मेरी हमसफर कैसे बनती... तुम्हारे बदल जाने का मुझे कोई दुख नहीं लेकिन एक बार सोचकर देखो कि जिनके लिए तुम्हारी पहचान मैं था, उनसे नजरें कैसे मिलाऊं...
क्या उनसे यह कह दूं कि जिसके लिए मैं रोता हूं, वह किसी और को खुश रखने में व्यस्त है...खैर मैं बस इस बात से खुद को तसल्ली दे देता हूं कि "जिंदगी में कुछ मजबूरियां" मोहब्बत से ज्यादा ताकतवर होती हैं जिनकी वजह से ना चाहते हुए भी साथ छोड़ना ही पड़ता है। हम अपने रिश्तों के लिए वक़्त नहीं निकाल पा रहे थे और फिर वक़्त ने अपनी चाल चली और हमारे बीच से रिश्ता ही निकाल दिया। अगर कभी मौका मिला तो कुछ पल उन दिनों का ज़िक्र करेंगे, जब तुम मेरे और मैं तुम्हारा हुआ करता था....
#क्वीन
'क्वीन' कौन है? इस सवाल का जवाब तो मैं भी खोज रहा हूं। मैं तो बस इतना जानता हूं कि यह सामान्य को विशिष्ट बनाने का एक प्रयास है... कोई अलंकार नहीं... सिर्फ सच्ची भावनाएं... तुम थी तो सब कुछ था... तुम नहीं हो तो भी सब कुछ है....लेकिन तब वह 'सब कुछ' अच्छा लगता था लेकिन अब.... #क्वीन
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Saturday, August 13, 2016
मेरी कामना
मैं जानता हूं कि तुम बहुत ऊपर जाना चाहती हो, तुम्हारे सपने बहुत बड़े हैं लेकिन ऐसी बुलंदियां भी किस काम की जहां तुम तो ऊपर पहुंच जाओ लेकिन मोहब्बत नीचे उतर जाए। तुम्हारे उस 'प्रतिबिम्ब' से मोहब्बत हुई थी मुझे, काश! वह वास्तविक होता। इस 'काश' से कुछ ख्वाब जुड़े थे जो यकीं से परे और हकीकत से कोसों दूर थे। पत्थर से भी कठोर और पानी से भी कोमल उन ख्वाबों से जुड़े किस्से आज मशहूर होते जा रहे हैं लेकिन वह 'काश' एक सुनहरी शाम की तरह ढ़लता जा रहा है। जिंदगी ने मुझे दुखी होने का सिर्फ एक कारण दिया और वह था तुमसे दूरी लेकिन इसके साथ ही तुमने मुझे मुस्कुराने के जो हजारों कारण दिए थे क्या उनका कोई मोल नहीं था? देखो, आज मैंने जिन्दगी के उस कारण को हरा दिया। और ये मैंने अकेले नहीं किया बल्कि तुमने मेरा पूरा साथ दिया। आखिर तुम थी ही इतनी खास, तुम्हारी वो नाराजगी जो चंद पलों में प्यार को दोगुना कर देती है, तुम्हारी तो मुस्कुराहट जो मेरे हर दुख को भूल जाने पर मजबूर कर देती थी। तुमसे जुड़ी हर एक चीज जिसे हर रात मैं घंटो निहारा करता था।
तुम मेरे पास होकर मुझसे क्या चाहती थी, यह मुझे नहीं पता लेकिन मैं बस तुम्हारे साथ बिताए गए हर एक पल हो एक सुनहरे सपने की तरह जीना चाहता था... एक ऐसा सपना जिसका कभी अंत न हो, जो कभी न टूटे लेकिन सत्य यह है कि मेरी यह कामना अवैज्ञानिक भी थी और अर्थहीन भी...
#क्वीन
तुम मेरे पास होकर मुझसे क्या चाहती थी, यह मुझे नहीं पता लेकिन मैं बस तुम्हारे साथ बिताए गए हर एक पल हो एक सुनहरे सपने की तरह जीना चाहता था... एक ऐसा सपना जिसका कभी अंत न हो, जो कभी न टूटे लेकिन सत्य यह है कि मेरी यह कामना अवैज्ञानिक भी थी और अर्थहीन भी...
#क्वीन
और बेहतर की उम्मीद में...
एक बार दो दोस्त एक बगीचे में गए, वहां के माली ने दोनों से कहा कि जाओ और इस बगीचे से सबसे खुशबूदार और सुन्दर फूल खोजकर लाओ लेकिन शर्त यह है कि जिस फूल को तुम एक बार नकार चुके हो उसे दुबारा नहीं छू सकते और फूल लेकर आने की अनिवार्यता है। दोनों दोस्तों में से एक ने बगीचे के अंदर घुसते ही एक सुन्दर सा फूल चुना और वापस आ गया। दूसरे लड़के ने कई फूल चेक किए लेकिन 'आगे और भी बेहतर मिलेंगे' की उम्मीद के साथ आगे बढ़ता गया। 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वह एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंच गया और आखिरी फूल जो कुछ खास नहीं था, उसे लेकर पछताते हुए वापस आ गया।
ऐसा ही कुछ हमारी जिंदगी में भी होता है। कभी-कभी हम और ज्यादा बेहतर पाने की तमन्ना में बेहतरीन को भी खो देते हैं। अब तुम खुद तय कर लो कि तुम किस रास्ते पर हो। रही बात मेरी तो मैंने जो फूल चुना था, उसमें तो कोई कमी नहीं थी लेकिन मैं भूल गया कि कुछ फूल डालियों पर ही अच्छे लगते हैं। खैर, उस फूल के साथ बिताया गया कुछ समय मेरे लिए बेहद खास था और अब मैं किसी फूल को डाली से तोड़कर उसकी 'हत्या' का पाप अपने सर लेने की स्थिति में भी नहीं हूं...
#क्वीन
ऐसा ही कुछ हमारी जिंदगी में भी होता है। कभी-कभी हम और ज्यादा बेहतर पाने की तमन्ना में बेहतरीन को भी खो देते हैं। अब तुम खुद तय कर लो कि तुम किस रास्ते पर हो। रही बात मेरी तो मैंने जो फूल चुना था, उसमें तो कोई कमी नहीं थी लेकिन मैं भूल गया कि कुछ फूल डालियों पर ही अच्छे लगते हैं। खैर, उस फूल के साथ बिताया गया कुछ समय मेरे लिए बेहद खास था और अब मैं किसी फूल को डाली से तोड़कर उसकी 'हत्या' का पाप अपने सर लेने की स्थिति में भी नहीं हूं...
#क्वीन
हो सकता है तुमको यह गलत लगे...
आखिर क्यों लिखता हूं तुम्हें, क्या इसलिए कि लोग कहें कि अरे देखो, गौरव की मोहब्बत तो लाजवाब है? या फिर इसलिए कि लोग मेरे दर्द पर वाह-वाह करें। नहीं! इनमें से कोई कारण नहीं है। फिर सच क्या है? शायद मुश्किल हो तुम्हारे लिए लेकिन सच यह है कि मैंने अपनी मां को बचाने के लिए अपनी भावनाओं का बाजार लगा दिया। और अपनी मां के लिए ही तुम्हें भी अपने सपने में शामिल कर लिया। शायद तुम्हें ये गलत या बुरा लगे लेकिन यही सच है।
क्या सच्ची मोहब्बत के पैमाने किसी भाषा पर आधारित होते हैं। क्या मोहब्बत 'Never Love a Stranger' जैसी चीजें लिखने से ही सच्ची मानी जाएगी। नहीं, मोहब्बत की असली भाषा तो हिंदी है क्योंकि इसमें रिश्ते हैं, रिश्तों में मर्यादा है, मर्यादा में विश्वास है, विश्वास में प्रेम है और प्रेम में संमृद्धता है। अब अगर दुनिया यह मानती है कि मैं गलत कह रहा हूं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन अगर मेरे भाई बहन ही इसे गलत मान लेंगे तो मेरी जिम्मेदारी है कि मां के अस्तिव को बचाने के लिए, मां की वास्तविकता से उनका परिचय कराने के लिए इन विषयों को प्रमाणित करूं। बस मैं अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं.... और इसीलिए मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगा जब उस लड़के ने कहा कि वह मेरी फेसबुक पोस्ट्स का अंग्रेजी में अनुवाद करेगा।
#क्वीन
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