लोग कहते हैं कि "मुश्किल वक्त" दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर होता है जो एक पल में आपके चाहने वालों के चेहरे से नकाब हटा देता है लेकिन तुम्हारे चेहरे से तो नकाब तब हटा जब मैं अपने मुश्किल दौर से बाहर निकल चुका था। मतलबी दुनिया में भी तुम मेरी बातों के मतलब को नहीं समझ पाई। तुम समझने की कोशिश करती भी कैसे आखिर तुम्हारी अपनी जिंदगी थी, तुम्हारे अपने सपने थे... तुम अपने सपनों को तोड़कर मेरी हमसफर कैसे बनती... तुम्हारे बदल जाने का मुझे कोई दुख नहीं लेकिन एक बार सोचकर देखो कि जिनके लिए तुम्हारी पहचान मैं था, उनसे नजरें कैसे मिलाऊं...
क्या उनसे यह कह दूं कि जिसके लिए मैं रोता हूं, वह किसी और को खुश रखने में व्यस्त है...खैर मैं बस इस बात से खुद को तसल्ली दे देता हूं कि "जिंदगी में कुछ मजबूरियां" मोहब्बत से ज्यादा ताकतवर होती हैं जिनकी वजह से ना चाहते हुए भी साथ छोड़ना ही पड़ता है। हम अपने रिश्तों के लिए वक़्त नहीं निकाल पा रहे थे और फिर वक़्त ने अपनी चाल चली और हमारे बीच से रिश्ता ही निकाल दिया। अगर कभी मौका मिला तो कुछ पल उन दिनों का ज़िक्र करेंगे, जब तुम मेरे और मैं तुम्हारा हुआ करता था....
#क्वीन
'क्वीन' कौन है? इस सवाल का जवाब तो मैं भी खोज रहा हूं। मैं तो बस इतना जानता हूं कि यह सामान्य को विशिष्ट बनाने का एक प्रयास है... कोई अलंकार नहीं... सिर्फ सच्ची भावनाएं... तुम थी तो सब कुछ था... तुम नहीं हो तो भी सब कुछ है....लेकिन तब वह 'सब कुछ' अच्छा लगता था लेकिन अब.... #क्वीन
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