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Friday, September 2, 2016

उस दिन टूट गया था भ्रम

तुम्हारे साथ एक-एक पल बिताने का अहसास बेहद खास होता था। पहले तो ऐसा लगता था जैसे तुम भी मेरे साथ बिताए हर एक पल को दिल से जी लेना चाहती हो लेकिन बाद में महसूस हुआ कि यह मात्र मेरा भ्रम है। तुम्हारे प्रेम और समर्पण पर प्रश्नचिन्ह लगाने की क्षमता तो मुझमें नहीं है लेकिन ऐसा प्रारब्ध अवांछित था।

जीवन की सबसे आसान लड़ाई हार गया था मैं... और जानती हो दुःख यह नहीं है कि मैं वह लड़ाई हार गया बल्कि दुःख इस बात का है कि मैंने उस लड़ाई को लड़ा ही नहीं।तुमने अगर उस लड़ाई से पहले मेरा हाथ न छोड़ा होता तो मैं उस लड़ाई को लड़ जाता। और विश्वास मानो मैं वह लड़ाई जीत भी जाता। लेकिन जानता था बिना तुम्हारे उस जीत के मायने कुछ भी नहीं।

जब जंग अपनों से हो तो पीछे हट जाने में ही भलाई होती है और जब लड़ाई अपने आप से हो तो अपने अहंकार को कुचलकर विजय प्राप्त करने वाला ही तो पुरुषार्थी कहलाता है। तुम्हें हारकर खुद को जीत लिया था मैंने... लेकिन काश कि मैं तुमको भी जीत पाता... हमारी कहानी में इस काश की उपस्थिति कितनी अनिवार्य लगती है ना?
#क्वीन

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