कुछ किस्से कागजों पर तो कुछ दिल में आबाद हैं। तुम्हारी आंखों ने पता नहीं कितने धोखे दिए। लोग कहते थे कि आंखें हमेशा सच बोलती हैं, आंखों में हर सच दिखाई देता है लेकिन मेरे साथ तो हर बार तुम्हारी आंखों ने ही फरेब किया, हर बार उन आंखों पर भरोसा करके लुटता ही रहा।
पता है, अगर आप किसी को धोखा देने में कामयाब हो जाते हैं तो इस बात से उसकी बेवकूफी का अंदाजा नहीं लगाना चाहिए, बल्कि यह सोचना चाहिए उस इंसान को आपसे मोहब्बत कितनी थी कि आपकी हर एक बात पर अंधविश्वास करता गया। मैं इसलिए हर बार हारता गया क्योंकि मेरी हार की वजह से तुम्हें जीत मिल रही थी और तुम्हारी जीत से बढ़कर मेरे लिए कुछ भी नहीं था।
जब पता लगा कि मेरे दर्द पर तुम मुस्कुराती हो तो ईश्वर से दुआओं में दर्द ही मांगने लगा। और वैसे भी प्रकृति का नियम है कि जो जैसा करता है, उसे उसके अनुरूप ही परिणाम मिलता है। क्या हुआ जो तुम किसी और के लिए मुझे छोड़ कर चली गई। मैंने भी तो तुम्हारे लिए सबको छोड़ दिया था...बुजदिल नहीं था मैं, परिणाम जानता था... देखो, हौसलों ने साथ और आज भी खड़ा हूं, उतनी ही मजबूती से, उससे बेहतर स्थिति में... बस तब तुम ताकत बनकर मेरे साथ खड़ी थी और आज तुम्हारे साथ बिताए गए लम्हें मेरी ताकत बन चुके हैं...
#क्वीन
'क्वीन' कौन है? इस सवाल का जवाब तो मैं भी खोज रहा हूं। मैं तो बस इतना जानता हूं कि यह सामान्य को विशिष्ट बनाने का एक प्रयास है... कोई अलंकार नहीं... सिर्फ सच्ची भावनाएं... तुम थी तो सब कुछ था... तुम नहीं हो तो भी सब कुछ है....लेकिन तब वह 'सब कुछ' अच्छा लगता था लेकिन अब.... #क्वीन
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Tuesday, October 25, 2016
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