पता है, आज मेट्रो में एक लड़का मिला। मुझे घूरने की अवस्था में पहले तो वह 10-15 मिनट खड़ा रहै और फिर अचानक मेरे पास आकर बोला कि सर, आप विश्व गौरव हैं ना? मैंने भी 'हां' में जवाब देते हुए पूछ लिया कि लेकिन भाई, कैसे जानते हो मुझे? उसने कहा कि सर, मैं आपसे फेसबुक पर और अपनी #क्वीन के बारे में फेसबुक पर जो भी लिखते हैं, उसका अंग्रेजी में ट्रांसलेट करके एक संकलन जैसा कुछ तैयार कर रहा हूं। तब मुझे ध्यान में आया कि फैजल सलीम नामक उस लड़के ने ही शायद मुझे पिछले महीने मेसेज करके कहा था कि मैं अपनी #क्वीन से जुड़ी फेसबुक पोस्ट्स की एक किताब छपवाऊं।
उसने तुम्हारी तारीफ में और भी बहुत कुछ कहा। मुझे अच्छा लगा कि कम से कम मेरी कलम में इतनी ताकत तो है कि तुमको भी लोग 'पसंद' करने लगे हैं। उसके मुताबिक तुम दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की हो क्यों कि जो इंसान तुम्हें प्यार करता है, उस इंसान के प्रेम पर वे लोग भी प्रश्नचिन्ह नहीं लगा पा रहे जो उसे जानते तक नहीं। वैसे मुझे भी इस बात का गुरुर है कि मैं तुमसे प्यार करता हूं। बहुत कीमती चीज है प्यार मेरे लिए और इसी कारण मैं भी यही मानता हूं कि तुम वाकई में खुशनसीब हो कि मैं तुम्हें चाहता हूं। ये मेरा अहंकार नहीं बल्कि मेरे प्रेम की पवित्रता पर विश्वास है।
लेकिन एक बात बताओ तो जरा कि क्या तुमसे जुड़ी पोस्ट का अनुवाद करने वाली बात को लेकर मुझे खुश होना चाहिए? क्या मुझे गर्व होना चाहिए कि मेरी कलम से जो लिखा गया उसका ट्रांसलेशन करके लोग उसे छपवाने की बात कर रहे हैं? मैं क्या सोचता हूं, वह कल बताउंगा लेकिन तुमसे जानने की इच्छा जरूर है।
'क्वीन' कौन है? इस सवाल का जवाब तो मैं भी खोज रहा हूं। मैं तो बस इतना जानता हूं कि यह सामान्य को विशिष्ट बनाने का एक प्रयास है... कोई अलंकार नहीं... सिर्फ सच्ची भावनाएं... तुम थी तो सब कुछ था... तुम नहीं हो तो भी सब कुछ है....लेकिन तब वह 'सब कुछ' अच्छा लगता था लेकिन अब.... #क्वीन
सबसे ज्यादा पढ़ी गईं पोस्ट
-
याद है ना तुमको...उस दिन तुम मेरे साथ अपने एडमिशन की बात करने के लिए कॉलेज गई थी... बहुत मुश्किल होता था तुम्हारा घर से बाहर निकलना... पहली...
-
तुम्हें अंतिम बार जब देखा था तो बहुत खुश था, इसलिए नहीँ कि तुम बहुत खूबसूरत लग रही थी बल्कि इसलिए क्योंकि मैं उस जगह पर आखिरी शख्श था जो तुम...
-
लोग कहते हैं की मैं दोहरा जीवन जीता हूँ .गंभीर चिंतन के बाद मुझे भी अहसास हुआ की वास्तव में मैं दोहरा जीवन जीता हूँ ....समाज के बीच में सा...
-
उस दिन पहली बार चैट कर रहे थे हम। अब की तरह ही मैं हिंदी में लिख रहा था और तुम अंग्रेजी में...उस दिन तुमने कहा था, 'गौरव, तुम तो इंग्लिश...
-
हिंदी माध्यम से 8वीं तक की पढ़ाई के बाद लखनऊ में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू हुई। 10वीं के अंकों को देखकर बाबा को लगा कि अचानक अंग्रेजी म...
No comments:
Post a Comment