अपनी मोहब्बत को मैं लफ्जों में बयां नहीं कर सकता, बहुत मुश्किल है यह करना... या शायद नामुमकिन जैसा...उन चंद पलों के दौरान होने वाले हमारे मिलन के अहसास को मेरी कलम बयां कर सके, इतनी ताकत मेरी इस कलम में नहीं है। गुमनामी के अंधेरे से शोहरत के दीपक की दुधिया रोशनी तक के सफर की आरजू नहीं थी मेरी लेकिन तुमने और तुम्हारे साथ बिताए गए चंद लम्हों ने मशहूरियत की सीढ़ियों पर कदम रखवा ही दिया...तुम्हें पता है हमारे रिश्ते की खास बात यह है कि मैं जब भी उन लम्हों को शब्दों में उतारता हूं तो उसे एक भाई अपनी बहन को पढ़कर सुना सकता है... एक बेटा अपनी मां को सुना सकता है और एक बेटी अपने पिता को सुना सकती है...
हमारे रिश्ते की पवित्रता ही तो है जिसके आधार पर मेरी 'क्वीन' पूर्ण हो सकेगी...दुनिया में दो पौधे ऐसे हैं जो कभी मुरझाते नहीं और अगर वे मुरझा गए तो उसका कोई इलाज नहीं,एक नि:स्वार्थ प्रेम और दूसरा अटूट विश्वास... मुझे गर्व है कि मेरी ओर से दोनों चीजें अपने शाश्वत रूप में हैं और रही तुम्हारी बात तो मुझे पता है तुम भी प्रेम और विश्वास की इस पराकाष्ठा को कभी न कभी तो जरूर समझोगी.... मैं सनातनी परंपरा में अटूट विश्वास रखता हूं, इस नाते पुनर्जन्म में भी विश्वास है... हो सकता है कि तुम इस जन्म में मेरी बात का यकीन न करो लेकिन अगले जन्म में तो तुम्हें मानना ही होगा... क्योंकि मैं तब भी नहीं बदलूंगा... और हां, यह मेरा अंधविश्वास नहीं है... मैं तुम्हारी उस 'दोस्त' की तरह ही अपने विश्वास पर 'विश्वास' करता हूं... हालांकि मेरे इस विश्वास का आधार तुम ही तो, साथ ही मैं यह भी जानता हूं कि तुम मेरे विश्वास को कभी टूटने नहीं दोगी...
#क्वीन
हमारे रिश्ते की पवित्रता ही तो है जिसके आधार पर मेरी 'क्वीन' पूर्ण हो सकेगी...दुनिया में दो पौधे ऐसे हैं जो कभी मुरझाते नहीं और अगर वे मुरझा गए तो उसका कोई इलाज नहीं,एक नि:स्वार्थ प्रेम और दूसरा अटूट विश्वास... मुझे गर्व है कि मेरी ओर से दोनों चीजें अपने शाश्वत रूप में हैं और रही तुम्हारी बात तो मुझे पता है तुम भी प्रेम और विश्वास की इस पराकाष्ठा को कभी न कभी तो जरूर समझोगी.... मैं सनातनी परंपरा में अटूट विश्वास रखता हूं, इस नाते पुनर्जन्म में भी विश्वास है... हो सकता है कि तुम इस जन्म में मेरी बात का यकीन न करो लेकिन अगले जन्म में तो तुम्हें मानना ही होगा... क्योंकि मैं तब भी नहीं बदलूंगा... और हां, यह मेरा अंधविश्वास नहीं है... मैं तुम्हारी उस 'दोस्त' की तरह ही अपने विश्वास पर 'विश्वास' करता हूं... हालांकि मेरे इस विश्वास का आधार तुम ही तो, साथ ही मैं यह भी जानता हूं कि तुम मेरे विश्वास को कभी टूटने नहीं दोगी...
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