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Sunday, April 4, 2021

ये थी हमारे रिश्ते की खूबसूरती

याद है वो वक्त, जब हम कुछ सालों के लिए दूर हो गए थे? उस वक्त दोबारा मिलने की उम्मीद टूटने लगी थी। दिल सवाल करता था कि क्या रिश्तों के कुछ उसूल नहीं होते? क्या इस तरह से बीच सफर में अलग हो जाना अच्छा होता? पर इन सवालों के साथ एक सवाल और होता था कि अगर प्रेम ईश्वर का स्वरूप है तो क्या शारीरिक मिलन जरूरी था? क्या वाकई आत्मा के इस पवित्र बंधन को किसी सामाजिक रिश्ते का नाम देना जरूरी था? इन विरोधाभासी से सवालों जवाब नहीं मिले तो सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया था।


वक्त का तकाजा ही था कि कुछ ख्वाब मन में दबा लिए थे और कुछ ख्वाहिशें जिम्मेदारियों के नीचे खुद-ब-खुद दब गईं। सब हैरान थे कि अपनी अलग दुनिया में रहने वाला लड़का कैसे एक लड़की की सादगी पर मर मिटा। वो हमेशा चहकने वाला लड़का कुछ शांत रहने लगा था। कोई नहीं समझ रहा था कि ऊपर दिख रही शांति के पीछे उस लड़के के अंदर हो रहे शोरगुल से वो कितना विचलित है। 


सुनो ना, मैं जानता था कि प्रेम सभी के भाग्य में नहीं होता, लेकिन मैं ये भी जानता था कि तुम ही थी जो मुझे खोने से डरती थी। मुझसे दूर जाने के ख्वाब से ही तुम्हारी आंखों में आंसू आ जाते थे और मैं जानता था कि जो इतनी मासूम है, उससे ज्यादा प्यार कोई नहीं कर सकता। पता है, हमारे रिश्ते की खूबसूरती क्या थी? हमारी गलती न होते हुए भी हम कभी भी दूसरे की गलती को अपना मान लेते थे। यही वो वजह थी जिसने हमें फिर से मिलाया, हमारे इश्क को नए आयाम मिले...

#क्वीन

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