कई लोग मुझसे कहते रहते हैं कि आखिर क्वीन है कौन... एक बार उसकी तस्वीर दिखा दीजिए... अब उनको कैसे बताऊं कि मेरे पास तो तुम्हारी कोई तस्वीर है ही नहीं... क्योंकि तुम्हारी तस्वीर की कोई जरूरत ही नहीं पड़ी... तस्वीर तो उसकी जरूरी होती है जिसकी याद आती हो और याद तो उसकी आती है जिसे भूला गया हो... तुम तो मेरे हर एक शब्द में, हर एक ख्याल में, हर एक सांस में बसती हो...तुम्हारी तस्वीर की क्या जरूरत है मुझे...
मुझे जब भी तुम्हारे साथ की जरूरत होती है तो बस आंखें बंद करता हूं और तुम्हें अपने पास पाता हूं... नहीं, अपने सपनों में नहीं... हकीकत में... तुम्हारे हाथ को आज भी उसी तरह से अपने हाथ में महसूस करता हूं जैसे कभी उस वीरान सड़क पर कुछ पलों के लिए महसूस किया था... मुझे उन पलों का एहसास तुम्हारी तस्वीर नहीं दिला सकती... उस एहसास को जीने के लिए तुम्हारा मेरे साथ होना बहुत जरूरी है...मुझे खुशी है कि मेरे श्रीराम मेरी इस इच्छा को हर बार पूरा कर देते हैं... जब भी मुझे तुम्हारी जरूरत होती है तुम्हें अपने पास पाता हूं... उन चंद पलों का एहसास मुझे हमेशा एक नई ऊर्जा से भर देता है...
तुम अपना कभी साथ न छोड़ने का वादा निभा रही हो... और मैं अपना वादा निभाऊंगा... हां वही वादा... तुम्हारी पहचान बनने का...
#क्वीन
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